साइबर फ्रॉड: एक बढ़ता खतरा
Cyber Fraud: 2024 के पहले नौ महीनों में ही भारत में 11,300 करोड़ की बिक्री हुई, भारत में साइबर धोखाधड़ी का डर तेजी से बढ़ गया है। इस घोटाले में सबसे बड़ी हिस्सेदारी कॉरपोरेट्स की रही और लोगों को 4,636 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 2024 में साइबर फ्रॉड के जरिए करीब 12 करोड़ रुपए चुराए गए, जिनमें से 45% कंबोडिया, म्यांमार और क्रोएशिया से आए।
आपके द्वारा उल्लिखित आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। 2024 के सिर्फ 9 महीनों में 11300 करोड़ रुपये का नुकसान होना दर्शाता है कि साइबर अपराधियों के पास कितनी शक्ति है और वे कितनी तेजी से काम कर रहे हैं।
कंबोडिया-म्यांमार-लाओस से हो रहा है फ्रॉड
इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र) ने ये डेटा तैयार किया है जो गृह मंत्रालय (गृह मंत्रालय) के अधीन है। सिटीजन साइबर फ्रॉड डिस्प्ले एंड क्रशर सिस्टम (सीएफसीएफआरएमएस) के डेटा के अनुसार 2024 में करीब 1.2 मिलियन साइबर फ्रॉड के रिकॉर्ड मिले हैं, जिसमें 45 फीसदी कंबोडिया (कंबोडिया), म्यांमार (म्यांमार) और लाओस (लाओस) जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देश शामिल हैं। ऑरिजनेट हुआ है।
3 साल में 27,914 करोड़ रुपए का फ्रॉड
संस्था के मुताबिक, 2021 से लेकर आज तक 3 मिलियन यानी. एक घंटे में, एक घोटाले में 30 मिलियन से अधिक शेयर पाए गए, जिसके परिणामस्वरूप जनता को 27,914 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 2023 में लगभग 3 करोड़ रुपये, 1.13 करोड़ रुपये, 2022 में 514,741 करोड़ रुपये और 2021 में 135,242 करोड़ रुपये दर्ज किए गए। स्टॉक ट्रेडिंग घोटाला सबसे बड़ा साइबर घोटाला है और इससे जुड़ा कुल राजस्व 2,28,094 करोड़ रुपये है, जिसके कारण लोग को 4,635 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. निवेश घोटाले के परिणामस्वरूप 100,360 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिससे जनता को 3,216 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 63,481 डिजिटल रेस्तरां संस्थापक पाए गए, जिससे लोगों को 1,616 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
17000 सिलिकॉन का डाउनलोड ब्लॉक करें
साइबर धोखाधड़ी के विश्लेषण से पता चला कि इस घोटाले के माध्यम से चुराए गए धन को चेक, सेंट्रल बैंक डिजिटल कैश (सीबीडीसी), पेट्रोल पंप, एटीएम, बिजनेस पोर्टफोलियो और ई-वॉलेट के माध्यम से निकाला गया था। हाल के वर्षों में, भारत में साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने साइबर अपराधों में उपयोग किए गए 450,000 बैंक रिकॉर्ड को परिवर्तित किया है। भारत के साइ क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने दक्षिण पूर्व एशिया से 17,000 से अधिक साइबर अपराध से संबंधित खातों को निलंबित करने के लिए समूह के साथ काम किया, जिससे भारत में सक्रिय साइ क्राइम नेटवर्क को नुकसान पहुंचा।
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Photo: www.pexels.comसाइबर फ्रॉड के प्रमुख कारण और प्रकार
- जागरूकता की कमी: कई लोग साइबर फ्रॉड के तरीकों से अनजान होते हैं, जिसका फायदा अपराधी उठाते हैं।
- लालच: आसानी से पैसा कमाने के लालच में लोग फर्जी वेबसाइट्स या लोगों पर भरोसा कर बैठते हैं।
- तकनीकी कमजोरियां: पुराने सॉफ्टवेयर या वाई-फाई नेटवर्क की कमजोरियां साइबर अपराधियों के लिए एक बड़ा मौका होता है।
- सोशल इंजीनियरिंग: अपराधी लोगों को भावनात्मक रूप से बहकाकर या धमकाकर उनसे जानकारी हासिल करते हैं।
साइबर फ्रॉड के कुछ आम प्रकार हैं:
- फिशिंग: फर्जी ईमेल या मैसेज भेजकर व्यक्तिगत जानकारी चुराना।
- स्मिश्िंग: फर्जी एसएमएस भेजकर जानकारी चुराना।
- व्हाट्सएप फ्रॉड: व्हाट्सएप पर दोस्तों या रिश्तेदारों के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर पैसे मांगना।
- ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड: फर्जी ऑनलाइन स्टोर बनाकर पैसे ऐंठना।
- बैंकिंग फ्रॉड: बैंक के कर्मचारी बनकर पिन या ओटीपी पूछना।
साइबर फ्रॉड से बचाव के उपाय
- जागरूक रहें: साइबर फ्रॉड के तरीकों के बारे में जानकारी हासिल करें।
- मजबूत पासवर्ड बनाएं: अपने सभी अकाउंट्स के लिए अलग-अलग और मजबूत पासवर्ड बनाएं।
- पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल सावधानी से करें: पब्लिक वाई-फाई पर संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
- अपने डिवाइस को अपडेट रखें: अपने स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य डिवाइसों को हमेशा अपडेट रखें।
- अज्ञात लिंक या फाइलों पर क्लिक न करें: अगर आपको कोई संदिग्ध लिंक या फाइल मिले तो उसे खोलने से बचें।
- दो-कारक प्रमाणीकरण (Two-factor authentication) का इस्तेमाल करें: अपने अकाउंट्स को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए दो-कारक प्रमाणीकरण को चालू करें।
- बैंक से संपर्क करें: अगर आपको कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
याद रखें, साइबर अपराधी हमेशा नए तरीके ढूंढते रहते हैं, इसलिए हमेशा सतर्क रहें और अपनी जानकारी को सुरक्षित रखें।
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