भारतीय शेयर बाजार में गिरावट से सबसे अधिक प्रभावित उद्योग
Indian stock market crash: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आने पर कई उद्योगों पर इसका गहरा असर पड़ता है। कौन से उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, यह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि:
- वैश्विक आर्थिक स्थिति: वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी या किसी बड़े देश की अर्थव्यवस्था में मंदी आने पर भारतीय शेयर बाजार भी प्रभावित होता है। इससे निर्यात पर आधारित उद्योगों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है।
- सरकारी नीतियां: सरकार द्वारा लाए गए नए नियम-कायदे, टैक्स में बदलाव या किसी विशेष उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लाई गई नीतियों का भी शेयर बाजार पर गहरा असर पड़ता है।
- कंपनी के प्रदर्शन: किसी कंपनी के खराब प्रदर्शन से उस कंपनी के शेयर की कीमत में गिरावट आती है और इससे पूरे उद्योग पर भी असर पड़ सकता है।
- निवेशकों का विश्वास: निवेशकों के विश्वास में कमी आने से भी शेयर बाजार में गिरावट आती है।
ये भी पढ़े –
Google layoffs: Google छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों को किस तरह की सहायता प्रदान कर रहा है?
आमतौर पर भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आने पर निम्नलिखित उद्योगों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है:
- आईटी उद्योग: आईटी उद्योग विदेशी मुद्रा में होने वाले कारोबार पर काफी निर्भर होता है। जब डॉलर मजबूत होता है और रुपया कमजोर होता है तो आईटी कंपनियों को नुकसान होता है।
- ऑटोमोबाइल उद्योग: ऑटोमोबाइल उद्योग भी ब्याज दरों और ईंधन की कीमतों में बदलाव से काफी प्रभावित होता है।
- बैंकिंग उद्योग: बैंकिंग उद्योग भी अर्थव्यवस्था की स्थिति से काफी प्रभावित होता है। जब अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जाती है तो बैंकों को कर्ज वसूली में मुश्किल होती है।
- रियल एस्टेट उद्योग: रियल एस्टेट उद्योग भी ब्याज दरों और अर्थव्यवस्था की स्थिति से काफी प्रभावित होता है।
- उपभोक्ता सामान उद्योग: उपभोक्ता सामान उद्योग भी अर्थव्यवस्था की स्थिति से प्रभावित होता है। जब अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जाती है तो लोग कम खर्च करते हैं।
हाल के समय में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के कुछ प्रमुख कारण रहे हैं:
- कोविड-19 महामारी: कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है और इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है।
- महंगाई: बढ़ती महंगाई ने लोगों की खर्च करने की क्षमता को कम किया है जिससे कई उद्योगों को नुकसान हुआ है।
- ब्याज दरों में वृद्धि: ब्याज दरों में वृद्धि ने भी निवेशकों को प्रभावित किया है और उन्होंने शेयर बाजार से पैसे निकालना शुरू कर दिया है।
- भू-राजनीतिक तनाव: भू-राजनीतिक तनाव भी शेयर बाजार में अस्थिरता का कारण बनते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है और किसी भी समय बाजार में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। इसलिए निवेश करने से पहले आपको एक अनुभवी वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।